- अतिरिक्त पोषण आहार के रूप में नमकीन, फल, मिठाई, खीर, पूड़ी, अंकुरित अनाज आदि खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं।
बिलासपुर , 11 मार्च campussamachar.com, । सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में “न्योता भोजन” की अवधारणा रखी गई है।जनपद प्राथमिक शाला जलसों के शिक्षक बसंत कुमार पांडेय द्वारा अपने जन्मदिन के उपलक्ष्य में अतिरिक्त पोषण आहार के रूप में शाला के सभी बच्चों को फल (केला तथा अंगूर) का वितरण किया गया। इस अवसर पर शाला समिति के सदस्यगण तथा शिक्षक गण उपस्थित रहे। संस्था प्रमुख निशा अवस्थी के द्वारा बताया गया कि “न्योता भोजन” सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है।
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यह विभिन्न त्योहारों और अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व एवम् प्रियजनों की स्मृति में लोगों को भोजन प्रदान करने की परम्परा पर आधारित है। छत्तीसगढ़ में भोजन हेतु आमंत्रित करने को “न्योता” कहा जाता है। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है और समाज के लोग और सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन में योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पोषण आहार के रूप में नमकीन, फल, मिठाई, खीर, पूड़ी, अंकुरित अनाज आदि खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। किचन के लिए आवश्यक बर्तन भी उपलब्ध करा सकते हैं।
न्योता भोजन के लाभ:
1. समुदाय के बीच अपनेपन की भावना के विकास में मदद।
2. शाला और स्थानीय समुदाय के बीच आपसी तालमेल में सहायक।
3. सभी समुदाय और वर्ग के बच्चों में समानता की भावना का विकास।