दिल्ली ॰उपराष्ट्रपति,एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि स्वास्थ्य देखरेख केवल रोग की अनुपस्थिति’ भर नहीं है। उन्होंने स्वास्थ्य के बारे में ऐसा समग्र दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया जिसमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण शामिल है और जो किसी भी व्यक्ति को उसकी पूरी क्षमता तक पहुंचने के योग्य बनाता है।
वे एक मीडिया समूह के ‘बनेगा स्वस्थ भारत (इंडिया)’ कार्यक्रम के नवीनतम संस्करण के लिए एक वीडियो संदेश में, उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति यह समग्र दृष्टिकोण ‘स्वस्थ भारत’ का उद्देश्य है, जो अंततः ‘संपन्न भारत’ या समृद्ध भारत की ओर ले जाएगा।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में असमानताओं को पाटने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में तृतीयक देखभाल लाते समय यह आवश्यक है कि हम बेहतर स्वास्थ्य परिणामों के लिए अपनी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को और सुदृढ़ करें।” उन्होंने सरकार की प्रमुख योजना, आयुष्मान भारत की सराहना की और कहा कि यह लाखों गरीब परिवारों के लिए ‘स्वास्थ्य आश्वासन’ लेकर आई है।
वैश्विक कोविड महामारी का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने चिकित्सकों और पराचिकित्सा (पैरामेडिक्स) सहयोगियों, स्वच्छता कार्यकर्ताओं, पुलिस और मीडियाकर्मियों सहित सभी अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की महामारी से लड़ने और लोगों की सेवा करने में उनके द्वारा प्रदर्शित असाधारण लचीलेपन, साहस और बलिदान की भावना की प्रशंसा की।
उन्होंने युवाओं को योग या साइकिल चलाने और स्वस्थ भोजन खाने जैसी नियमित शारीरिक गतिविधियां करके स्वस्थ और अनुशासित जीवन शैली अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे डिजिटल उपकरणों के आदी होने से बचें। स्वास्थ्य और कल्याण के महत्वपूर्ण मुद्दों पर जन जागरूकता में सुधार के लिए समय पर और महत्वपूर्ण पहल के लिए एनडीटीवी की सराहना करते हुए नायडू ने इस कार्यक्रम की सफलता की कामना की।