- वरिष्ठ शिक्षक नेता त्रिपाठी ने इस मामले में मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप कर अपनी लोकप्रियता का परिचय देते हुए जनहित में तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने का आग्रह किया है।
लखनऊ, 3 दिसंबर । campussamachar.com, माध्यमिक शिक्षक संघ (पाण्डेय गुट) ने प्रदेश की योगी सरकार पिछले 25 से 28 वर्षों से सहायता प्राप्त गैर सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में तत्कालीन नियुक्त प्रक्रिया के तहत नियुक्त किए गए और अद्यतन कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को एक षड्यंत्र (कूट रचित षड्यंत्र ) द्वारा उन्हें विनियमित करने के बजाय आर्थिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
Latest Teachers News : पांडेय गुट के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने ऐसे तदर्थ शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त किए जाने की संभावित कार्रवाई का तीखा विरोध करते हुए नाराजगी व्यक्त की है। संघ के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने इस अति संवेदनशील और जीविका से जुड़े गंभीर मामले की ओर प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का व्यक्तिगत ध्यान आकर्षित किया है और उनसे इस प्रकरण में तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की मांग की। वरिष्ठ शिक्षक नेता ओमप्रकाश त्रिपाठी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि माध्यमिक शिक्षा जगत के इतिहास में शिक्षा अधिकारियों के अविवेकपूर्ण कार्यवाही से पहली बार तदर्थ शिक्षकों के समक्ष इतनी लंबी सेवा अवधि के बाद ऐसी विषम परिस्थिति पैदा कर दी गई हैं । इसके पूर्व भी 6 अगस्त 1993 तक नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को वर्ष 2001 में रेगुलर कर दिया गया था । बाद में 7 अगस्त 93 से 30 दिसंबर 2000 तक नियुक्त सदस्य शिक्षकों को 22 मार्च 16 को रेगुलर किया गया, उसमें एक पाबंदी लगाकर अर्थात चयन बोर्ड अधिक या अधिनियम 2016 की धारा 33 (6) के प्रस्तर 8 में न्यायालय आदेश का प्रतिबंध लगाकर उन्हें विनियमित किए जाने से वंचित कर दिया गया।
Lucknow News today : श्री त्रिपाठी के अनुसार ये वे शिक्षक हैं, जिन्हें 25 जनवरी 1999 तक नियुक्त कर दिया गया था और और कठिनाई निवारण अधिनियम 1982 के अंतर्गत लागू प्रबंध समिति द्वारा विधिवत नियुक्त होकर 28 से 30 वर्षों से कार्यरत हैं, उनमें से 30% सेवानिवृत हो चुके हैं, शेष बचे तदर्थ शिक्षकों को अब निकलने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग बड़ी तेजी से लगा हुआ है। शिक्षक नेता त्रिपाठी ने इस मामले में मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप कर अपनी लोकप्रियता का परिचय देते हुए जनहित में तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने का आग्रह किया है