- शिक्षिका उषा कोरी ने बताया कि पिछले दिनों वो ccrt का प्रशिक्षण लेने हैदराबाद गई थी, जहाँ पर अन्य राज्यों हरियाणा, बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक, महराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल से आए शिक्षकों से बहुत कुछ सीखने और देखने को मिला
- बहु भाषावाद को प्रोत्साहित करने हेतु दूसरे राज्य के बच्चों के भाषा को साथ लेकर किया गया संवाद –
बिलासपुर, 22 नवंबर । campussamachar.com, बहु भाषावाद को प्रोत्साहित करने हेतु दूसरे राज्य के बच्चों के भाषा को साथ लेकर संवाद करने के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला की कक्षा शिक्षिका उषा कोरी एवं कक्षा तीसरी के बच्चों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के द्वारा हरियाणा राज्य के राज्यकीय प्राथमिक पाठशाला मंडोरी – जिला – सोनीपत, हरियाणा के बच्चों के द्वारा भाषा पर बातचीत की गई।
bilaspur education news : इस बातचीत में छत्तीसगढ़ राज्य की शासकीय प्राथमिक शाला के बच्चों के द्वारा छतीसगढी मे राज्य गीत की प्रस्तुति दी गई। साथ ही समान्य बोलचाल में छतीसगढी मे बोले जाने वाले वाक्य जैसे – तोर नाम का हे , का साग खाए, तय अबब्ड सुघ्घर दिखहत हस ,छतीसगढिया सब ले बढिया, संगवारी, नोनी – बाबू , दाई, पताल , जुन्ना, तोर, मोर, सुघ्घर, महू आदि शब्द हमारे बच्चों के द्वारा उन्हें बताया गया उसी प्रकार वहां के(हरियाणा राज्य) बच्चों एवं कक्षा शिक्षिका श्रीमती सीमा सिंग के द्वारा भी हरियाणवी भाषा मे भजन सुनाया गया साथ ही वहां की भाषा में बोली जाने वाले वाक्य शबमनै याद आया । देक्खो के होगा । हाथ हटा । चालदा बण । जुकर सै नू ए भता । मनै ख्याल आया । प्लोथी मार । यो मेरी समझ मैं नी आया । मेरे छो उठ गया । उसने भित्तर आन दे । क्या खात्तर ।। जुकर सै नू ए भता । मनै ख्याल आया । प्लोथी मार । यो मेरी समझ मैं नी आया । मेरे छो उठ गया । उसने भित्तर आन दे । क्या खात्तर । ओर के उनके द्वारा बताया गया।
latest bilaspur education news : शिक्षिका उषा कोरी ने बताया कि पिछले दिनों वो ccrt का प्रशिक्षण लेने हैदराबाद गई थी, जहाँ पर अन्य राज्यों हरियाणा, बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक, महराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल से आए शिक्षकों से बहुत कुछ सीखने और देखने को मिला । साथ ही उनकी संस्कृति, भाषा को जानने का और सीखने का अवसर मिला, जिससे प्रभावित होकर ही भाषा को लेकरवीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अन्य राज्यों की भाषा से शाला के बच्चों को रूबरू कराया।