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आज तिथि ५१२५/ ०६-०२-०७/ ०६ युगाब्द ५१२५/ भाद्रपद (पूर्णिमांत आश्विन) कृष्ण सप्तमी, शुक्रवार शुभ व मंगलमय हो..
युगाब्द (कलियुग) -५१२५
भाद्रपद – छटवां महीना
कृष्ण – दूसरा पक्ष
तिथि – सप्तमी ( ७ वीं )
वार/दिन- शुक्रवार ( ६ वां वार/दिन)
झांक रहे सब, सबके आंगन,
अपने आंगन झांके कौन ?
ढूंढ रहे, दुनिया में खामी,
अपने मन में झांके कौन ?
✍️ इस संसार में सबसे आसान काम है दूसरे में कमी निकालना ।
✍️ दूसरे के घरों में ताक झांक करना, उनकी कमियां निकालना भी अधिकांश मनुष्यों का मनपसंद काम है ।
✍️ अधिकांश मनुष्य अपनी कमियों के बारे में जानते हुए भी अंजान बने रहना चाहते है ।
✍️ अपनी अंतरात्मा की आवाज की अनदेखी करने की कला में भी मनुष्य पारंगत है ।
✍️ दूसरे की ओर उंगली उठाना और अपनी तरफ उठ रही तीन उंगलियों को नजरअंदाज करना भी बखूबी जानता है ।
आज तिथि ५१२५/ ०६-०२-०७/ ०६ युगाब्द ५१२५/ भाद्रपद (पूर्णिमांत आश्विन) कृष्ण सप्तमी, शुक्रवार की पावन मंगल बेला में, अपनी कमियों पर निरंतर सुधार का संकल्प लेते हुए, नित्य की भांति, आपको मेरा “राम-राम”।
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व्यस्त रहेंगे- तो मस्त रहेंगे
मस्त रहेंगे – तो स्वस्थ रहेंगे