नई दिल्ली – राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 (NEP-2020) भारत को एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के साथ- साथ विश्व स्तरीय नागरिकों के निर्माण में मदद करने के लिए एक रोडमैप प्रदान करती है। केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कर्नाटक में एनईपी के और शिक्षा के क्षेत्र में की गई दूसरी पहलोंके उद्घाटन के अवसर पर यह बातें कही।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि कर्नाटक ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करके शिक्षा परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।कर्नाटक ने एनईपी 2020 को कन्नड़ में अनुवाद करने से लेकर एनईपी टास्क फोर्स बनाने और इसके क्रियान्वन के लिए रोडमैप तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।उन्होंने कहा कि दूरदर्शी एनईपी 2020 को लागू कर खुद को भारत में पहले राज्य के रूप में स्थापित किया है। मंत्री ने आगे कहा कि राज्य में एनईपी के क्रियान्वन के साथ, कर्नाटक ने अन्य राज्यों के अनुकरण के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है।
मंत्री ने कहा कि एनईपी(NEP-2020) में भारत की गहरी मान्यताओं के साथ-साथ आधुनिकता की छाप है। इसमें पॉलिसी फ्रेमवर्क, क्रियान्वन रणनीति, परिणाम और मानव समाज की बेहतरी में भूमिका दी गई है। जो कि वैश्विक नीतिनिर्माताओं के लिए एक केस स्टडी के रूप में काम करेगी। आज की पीढ़ी जो 3-23 वर्ष के आयु वर्ग में है, वह एनईपी का लाभ उठाएगी और वह भविष्य में भारत की नियति को आकार देगी। ऐसे में हमारे सामने चुनौती यह है कि भारत की बढ़ती जनसंख्या को नई शिक्षा नीति (NEP-2020) के दायरे में जल्द से जल्द शामिल किया जाए।
प्रधान ने जोर देकर कहा कि एनईपी (NEP-2020) भारत को एक नई वैश्विक व्यवस्था मेंले जाएगी। उन्होंने सभी हितधारकों से भारत को एक जीवंत ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने की हमारी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी हुए शामिल ।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई, उच्च शिक्षा, आईटी और बीटी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, डॉ सी एन अश्वथ नारायण; एनईपी की मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ के कस्तूरीरंगन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।