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lucknow university : लुआक्टा पदाधिकारियों ने कुलाधिपति को पत्र भेज कर बताई अपनी मांगें और LU प्रशासन की ये हकीकत

  • #लुआक्टा द्वारा कुलाधिपति को सौंपा गया ज्ञापन, लखनऊ विश्वविद्यालय ( lucknow university ) के दोहरे मापदंड पर जताई नाराजगी, अधिनियम एवं परिनियम का किया जा रहा है उल्लंघन  मांगे पूरी न होने पर होगा राजभवन मार्च l कुलपति को भी भेजा पत्र कराया समस्याओं से अवगत।
  • आंदोलन के दूसरे चरण में 15 जून 23 के बाद राजभवन मार्च का भी निर्णय लिया गया है ।

लखनऊ , 9 जून। लखनऊ विश्वविद्यालय संयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा  ) की लंबित मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ( lucknow university ) के बीच चल रही खटपट कम होने का नाम नहीं ले रही है । लुआक्टा के  अध्यक्ष डॉ मनोज पांडे और महामंत्री प्रोफेसर अंशु केडिया ने आज विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र भेजते हुए उन्हें शिक्षकों और छात्रों की समस्याएं बताई है। इस पत्र में विश्वविद्यालय प्रशासन पर  मनमानी करने का आरोप लगाते हुए शिक्षक पदाधिकारियों ने कहा है कि कालेजों के शिक्षकों और छात्रों के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा रवैया अपना रहा है।

#लुआक्टा  की ओर से भेजे गए पत्र में शिक्षक नेताओं ने बताया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय ( lucknow university ) के कुलपति द्वारा छात्रों एवं महाविद्यालय के शिक्षको के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है, तथा लगातार अधिनियम एवं परिनियम में उल्लिखित नियमो का उल्लंघन किया जा रहा है ।  लुआक्टा  को बाध्य होकर गत 20 मई 2023 से 23 मई 23 तक आंदोलन करना पड़ा, वर्तमान में भी समस्याएं यथावत है ।  पत्र में जानकारी दी गई है कि लखनऊ विश्वविद्यालय ( lucknow university )  से चार नये जिले जुड़ गए हैं, किन्तु खेलो की पुरानी नीति के कारण विश्वविद्यालय फिसड्डी रहा एवं इसकी लाज महाविद्यालय की एक विद्यार्थी ने बचाई, जबकि खेलो के सम्बंध में प्रधानमंत्री जी की खेलो इंडिया सबसे महत्वपूर्ण योजना है । लम्बे समय से क्रीड़ा परिषद के लोकतांत्रिक गठन की मांग की जा रही है । #लुआक्टा कार्यकारिणी द्वारा समस्याओं के समाधान न होने पर आंदोलन के दूसरे चरण में 15 जून 23 के बाद राजभवन मार्च का भी निर्णय लिया गया है । संगठन द्वारा समस्याओं के समाधान के लिए कुलाधिपति के संज्ञान में लाते हुए वार्ता हेतु आग्रह करने का भी निर्णय लिया गया है ।

शिक्षको एवं छात्रों की समस्या विंदुवार निम्नवत है:–
1. 15 अक्टूबर 2019 को उ0प्र0रा0वि0वि0 अधिनियम 1973 की धारा 50(6) में निर्गत शासनादेश के अनुसार एकेडमिक कलेंडर बनाया जाय एवं इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाय, एवं कतिपय विश्वविद्यालयो की भांति अवकाश अवधि में कार्य करने पर 1:1 प्रतिकर प्रदान किया जाय ।
2.क्रीड़ा परिषद का पुनर्गठन किया जाय एवं महाविद्यालयो को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाय ।
3.LURN के नाम पर 100 रुपये की ली जाने वाली धनराशि को स्थगित किया जाय ।
4.केंद्रीकृत प्रवेश के नाम पर प्रति विषय ₹ 50,000 की धनराशि बन्द की जाय एवं इस योजना को पारदर्शी बनाया जाए l
5. लखनऊ विश्वविद्यालय राज्य सरकार द्वारा निर्धारित परीक्षा शुल्क से अधिक शुल्क लेता है । अब चार जिलो के जुड़ने से विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है इस लिये राज्य सरकार द्वारा घोषित शुल्क को लिया जाय ।
6. 1 जून 2022 को राजभवन में लुआक्टा के साथ आयोजित बैठक में परीक्षा संबंधी व्यय की आडिट किये जाने की सहमति बनी थी । अतः परीक्षा व्यय का भी आडिट किया जाय । तथा परीक्षा समिति में परीक्षा के आय व्यय का बजट पेश किया जाय ।
7.परीक्षा मद के अवशेष धन से लखनऊ विश्वविद्यालय अपना विकास करता है, एवं महाविद्यालयो के विकास के लिए कोई धनराशि निर्गत नही करता है, जबकि कुल परीक्षा शुल्क का 80% से अधिक का भाग महाविद्यालयो द्वारा प्राप्त होता है। महाविद्यालयो का भी अवशेष धन पर समान अधिकार है ।
8. चारों नए जुड़े जिलों से मूल्यांकन कार्य करने वाले शिक्षको को आवास की सुबिधा उपलब्ध करायी जाए।
9. वर्तमान सत्र की परीक्षा परिनियम में उल्लिखित 90 दिन के शिक्षण कार्य के बाद ही आयोजित की जाय, जिससे छात्रों का हित सुरक्षित रहे एवं वे अन्य विश्वविद्यालयों से प्रतियोगिता कर सके l वर्तमान परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित है ।
10. परीक्षा पारिश्रमिक का भुगतान किया जाय,एवं पूर्व की भांति महाविद्यालयो को परीक्षा शुल्क से 10% अग्रिम धनराशि अपने पास रखने का अधिकार प्रदान किया जाय l
11.शोध अध्यादेश का पालन कराया जाय, एवं अर्थशास्त्र विभाग में शिक्षको को शोध हेतु सीटो का सही आवंटन एवं सुपर्नुमेरिक प्रवेश प्राप्त शिक्षको के साथ न्याय किया जाय l
12.शासन द्वारा स्नातक शिक्षको को प्राप्त शोध पर्यवेक्षक का अधिकार समाप्त करने वाले किसी भी अध्यादेश को स्वीकृति न दी जाय ।
13.पैनल, विषय विशेषज्ञ एवं मौखिक परीक्षाओ मे महाविद्यालय के शिक्षको को उनके अनुपात में 80% प्रतिनिधित्व प्रदान दिया जाय ।
14. लखनऊ विश्वविद्यालय से चार जिलों के शिक्षको के जुड़ने से संख्या में वृद्धि हो गई है ।अतः शिक्षक कल्याण कोष के धन का आवंटन 60:40 की जगह 80:20 किया जाय ।
15.अधिष्ठाता महाविद्यालय विकास परिषद मे महाविद्यालय शिक्षको को प्रतिनिधित्व प्रदान
किया जाय ।
16.अनुदानित अशासकीय महाविद्यालयो में संचालित स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत कार्य करने वाले शिक्षको को यू जी सी न्यूनतम वेतनमान प्रदान किया जाय एवं उन्हें 12 माह का वेतन भी सुनिश्चित किया जाय ।
17. अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयो को स्ववित्तपोषित महाविद्यालयो का परीक्षा केंद्र न बनाया जाय ।
18॰ विश्वविद्यालय कोर्ट का चुनाव कराया जाय ।
19. NEP के तहत वोकेशनल कोर्स को थ्योरी पेपर के माध्यम से छात्रो को न पढ़ाया जाय, ताकि वोकेशनल कोर्स जिस उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है. उसे पूरा कराया जा सके .

20.लखनऊ विश्वविद्यालय से सह्युक्त महाविद्यालय के प्रोफेसर पदनाम धारण करने वाले शिक्षको को सभी आकादमिक समितियो का परिनियम में दिये गए व्यवस्था के अनुसार पदेन सदस्य बनाया जाय ।

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