बिलासपुर. गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (Guru Ghassidas Vishwavidayalaya Koni, Bilaspur, (C.G.)) की भौतिकीय विज्ञान विद्यापीठ के अंतर्गत शुद्ध एवं अनुप्रयुक्त भौतिकी विभाग की शोध छात्रा अरुणिता मुखर्जी को न्यूक्लियर संरचना के क्षेत्र में की गई शोध के लिए देश में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है।
ये है उपलब्धि
इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी देते हुए Guru Ghassidas Vishwavidayalaya Koni, Bilaspur, (C.G.) प्रशासन ने बताया कि 30 नवंबर से 05 दिसंबर, 2021 तक मुंबई में भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के बोर्ड ऑफ रिसर्च इन न्यूक्लियर साइंसेज द्वारा प्रायोजित 65वां सिम्पोजियम ऑन न्यूक्लियर फिजिक्स में अरुणिता मुखर्जी को ऑक्टोपोल कोरिलेशंस एंड गामा-वाइब्रेशनल बैंड इन 72 सेलेनियम न्यूक्लियस विषय पर शोध के लिए पोस्टर प्रस्तुति में पुरस्कार प्राप्त हुआ। अरुणिता भौतिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. तारके श्र त्रिवेदी के निर्देशन में शोध अध्ययन कर रही हैं। डॉ. त्रिवेदी एक्सपेरिमेंटल न्यूक्लियर फि जिक्स के क्षेत्र में देश में जाना पहचाना नाम हैं। डॉ. त्रिवेदी ने वाइसमेन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस इजराइल एवं टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुंबई से पोस्ट डॉक्टरेट किया है।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने दी बधाई
Guru Ghassidas Vishwavidayalaya Koni, Bilaspur, (C.G.) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने अरुणिता मुखर्जी की सफलता पर बधाई देते हुए इसे विश्वविद्यालय के लिए गौरव का पल बताया। उन्होंने कहा कि अरुणिता की यह उपलब्धि भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में वर्तमान में शोध कर रहे एवं भविष्य में शोध की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा साबित होगी। Guru Ghassidas Vishwavidayalaya Koni, Bilaspur, (C.G.) में स्थित 3एमवी त्वरक केन्द्र अरुणिता जैसे युवा शोधार्थियों को न्यूक्लियर फिजिक्स में स्थापित तथ्यों पर शोध करने के लिए प्रेरित करेगा।
प्रोफेसर चक्रवाल ने भेंट की विवेकानंद के उपदेश से जुड़ी पुस्तक
प्रोफेसर चक्रवाल ने अरुणिता को विवेकानंद के जीवन उपदेश से जुड़ी पुस्तक भेंट की। उन्होंने कहा कि हम सभी को लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए साथ ही इसे प्राप्त करने के लिए पूरी निष्ठा तथा समर्पण भाव के साथ प्रयास भी निरंतर करने चाहिए। कुलपति ने डॉ. त्रिवेदी को बधाई देते हुए भविष्य में Guru Ghassidas Vishwavidayalaya Koni, Bilaspur, (C.G.) के नाम को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पटल पर गौरान्वित करने के लिए प्रेरित किया।
परमाणु में पाई जाने विभिन्न संचरनाओं स्फैरिकल, प्रोलेट, ऑब्लेट के आकार की संचरना का सामान्य रूप से पाई जाती है लेकिन ऑक्टोपोल (नासपाती) के आकार की संरचना का मिल पाना कठिन होता है। इस शोध में शोधार्थियों की टीम ने परमाणु में पाई जाने वाली नासपाती के आकार की संरचना की पुष्टि की है। सुश्री अरुणिता एवं टीम ने यह शोध कार्य आईयूएसी नई दिल्ली की इंडियन नेशनल गामा एरे की प्रयोगशाला में संपादित किया है।